गरीबों की पेंशन पर डाका, जीवित नहीं बल्कि मृतकों के खाते में आ रही योजना की राशि
बलरामपुर जिला मुख्यालय से महज 5 किमी दूर बड़केमहरी गांव के ग्रामीण सरकारी पेंशन योजना का पैसा नहीं मिलने पर कलेक्टर से मिलने पहुंचे.
बलरामपुर जिला मुख्यालय से महज 5 किमी दूर बड़केमहरी गांव के ग्रामीण सरकारी पेंशन योजना का पैसा नहीं मिलने पर कलेक्टर से मिलने पहुंचे. उन्होंने कलेक्टर से लिखित शिकायत कर तत्कालीन पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. ग्रामीणों का आरोप है कि जीवित वरिष्ठ नागरिकों को योजना का पैसा नहीं मिल रहा है, लेकिन 7 मृत वरिष्ठ नागरिकों के नाम पर योजना का पैसा दिया जा रहा है.
आपको बता दें कि सरकार द्वारा चलाई जा रही पेंशन योजना में पहले पात्र लाभार्थियों को 350 रुपये प्रति माह दिए जाते थे, जिसे अब बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है. पेंशन योजना के तहत मिलने वाला पैसा बुजुर्गों के लिए बड़े सहारे का काम करता है। इस गांव के तत्कालीन सचिव ने तीन दर्जन से अधिक लाभार्थियों को पेंशन राशि का वितरण नहीं किया। पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे पेंशन राशि भेजने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा गांव के कुछ बुजुर्ग ऐसे लाभार्थी हैं जिन्हें पेंशन राशि नकद दी जाती है। गांव में कुछ लाभुकों को एक साल से तो कुछ लाभुकों को 6 से 8 माह तक योजना की राशि नहीं दी गयी.
पेंशन की राशि खाते में नहीं पहुंच रही है.
अब लाभार्थी पेंशन राशि निकालने के लिए बैंक का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन योजना का पैसा उनके खाते में नहीं पहुंचने से ग्रामीण निराश हैं. इस सबमें दिलचस्प बात यह है कि 7 मृतक ऐसे हैं जिनका नाम अभी भी पेंशन योजना से जुड़ा हुआ है और उनके खाते में योजना का पैसा भी भेजा जा रहा है. जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार व्यक्ति ने अपनी जिम्मेदारी किस प्रकार निभाई होगी।
जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल बुजुर्ग की शिकायत सुनने के बाद कलेक्टर ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है, लेकिन जांच और कार्रवाई कब होगी यह कहना मुश्किल है. ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे हजारों मामलों की जांच सरकारी फाइलों में दबा दी जाती है या ग्रामीणों की शिकायतें वापस ले ली जाती हैं! सरकार की पेंशन जैसी महत्वपूर्ण योजना वृद्ध, विधवा व दिव्यांग लाभुकों के लिए बड़ा सहारा है, लेकिन जब मुख्यालय से सटे गांवों का यह हाल है तो सुदूरवर्ती इलाके में यह योजना कैसे संचालित होगी. जिले का अंदाजा आप अच्छे से लगा सकते हैं.