उपलब्धि: रीवा की दीप्ति सिंह का प्रदेश की अंडर- 19 महिला क्रिकेट टीम में हुआ सिलेक्शन
जिले के लाभौली गांव की रहने वाली दीप्ति हैं मीडियम पेशर बॉलर
रीवा। क्रिकेट डिवीजन अकादमी की उपलब्धि में एक और सितारा जुड़ गया है। रीवा की बेटी दीप्ति का प्रदेश की अंडर- 19 महिला क्रिकेट में चयन कर लिया गया है। अब ये लड़की प्रदेश क्रिकेट में अपने हाथों का कमाल दिखाएगी। सबसे खास बात यह है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली दीप्ति सिंह की इस सफलता से उन लड़कियों का मार्ग प्रशस्त होगा, जिनके अंदर प्रतिभाएं तो होती हैं, लेकिन वे इसे बाहर नहीं ला पाती।
कॉम्पटीशन के इस दौर में किसी टीम में सलेक्ट होना आसान नहीं है। दीप्ति मीडियम पेशर बॉलर है, जिसके लिए एक्शन, लाइनलेंथ और स्विंग आदि का तालमेल बहुत मेहनत और लगन से बनता है। एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि इसके लिए उसने 6-8 घंटे प्रैक्टिस की है। इस बीच डिवीजनल क्रिकेट के मैचों में उसे निराश होना पड़ा, जब उसे विकेट ही नहीं मिले। यही नहीं उसे जिला स्तरीय क्रिकेट में भी कोई सफलता नहीं मिली, लेकिन जबलपुर और और ग्वालियर में खेले गए मैच में उसे विकेटों की झड़ी लगा दी। यहीं चयनकर्ताओं ने प्रदेश की 15 सदस्यीय टीम में सलेक्ट कर लिया।
दीप्ति ने बताया कि गांव हो या शहर परिश्रम और लगन से कामयाबी हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वे जिस गांव लभौली से हैं, वहां सुविधाओं का नितांत अभाव है और लडकियों के लिए तो बहुत सारी वर्जनाएं हैं। लेकिन वे अपने परिवार की मदद से इन वर्जनाओं को दरकिनार कर आगे बढ़ने में सफल हुई।
भाई को खेलते देख बढ़ा रुझान
दीप्ति बताती हैं कि शुरू में वे कजिन सचिन को टेनिस बाल क्रिकेट खेलते देखती थी, वे गांव के मैच में खेलते रहे। वहीं से उसका रुझान क्रिकेट की तरफ हुआ और उसे सपने में सचिन भैया ने तब्दील कर दिया। उनके साथ खेलत-खेलते ही उन्होंने मेरे अंदर क्रिकेट की भूख देखी और उन्होंने रीवा लाकर एकेडमी ज्वॉइन करवा दिया। दीप्ति के अंदर के हुनर को परवान दिया आरडीसीए के कोच एरिल एंथोनी ने और उसका प्रतिफल एमपी की टीम में चयन के रूप में सामने है।
लोवर मिडिल क्लास फैमिली से हैं दीप्ति
मिताली राज को अपना आइडल मानने वाली दीप्ति सिंह लोवर मिडिल क्लास से आती हैं। उनकी माँ ममता सिंह एक प्राइवेट स्कूल में प्राथमिक टीचर हैं और पिता दीपेंद्र सिंह पहले प्राइवेट जॉब करते थे और अब खेती किसानी का काम करते है। एक छोटा भाई है, जो छठवीं क्लास में पढ़ता है। ऐसे में 12वीं क्लास में पहुंच चुकी दीप्ति के सामने क्रिकेट खेल को चुनना और उसी में सब कुछ झोंक देना मुश्किलों से भरा रहा। लेकिन उसने खुद के साथ- साथ अपने मां और पिता को राजी कर लिया। अब उसकी तमन्ना भारत के लिए खेलने की है। वह बालिंग के साथ बैटिंग में भी अच्छा प्रदर्शन करती है। हरफनमौला खेल के कारण ही दीप्ति का चयन एमपी टीम में चयनित किया गया।