सिंगरौली ललितपुर रेल लाइन में मुआवजा एवं नौकरी की आस लगाए बैठे हैं विस्थापित
सीधी वर्षो पुरानी परियोजना ललितपुर सिंगरौली रेल मार्ग में का सपना आज भी अधूरा
सीधी वर्षो पुरानी परियोजना ललितपुर सिंगरौली रेल मार्ग में का सपना आज भी अधूरा,विभागीय लापरवाही से ग्रामीण परेशान,कही मुजाबजा,तो कही नौकरी की आशा में लोगो के सपने पर लगा ग्रहण,सीधी जिला मुख्यालय सहित सिंगरौली तक कई गांव अभी भी मुआवजा के इंतजार में ग्रामीण,राजनैतिक दलों का सहारा ले कई बार कर चुके है जिला कलेक्ट्रेट में आंदोलन पर सुनने वाला कोई नहीं
कहने को तो सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन से सीधी जिला आज भी अछूता है आपको बता दू यह परियोजना लगभग सन 1985 में लागू की गई,जहा कई मुख्यमंत्री सहित रेल मंत्रियों ने इस परियोजना का उद्घाटन कर सपने को साकार करने की उम्मीद जगा लोगो को एक अच्छा अवसर दिखाया लेकिन ललितपुर से रीवा के गोविंदगढ़ तक ट्रैक का कार्य पूरा किया जा चुका है. साथ की इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण के साथ नौकरी का भी प्रावधान रहा है.लेकिन रेल विभाग की तानाशाही से बीच परियोजना में नए नियम लागू कर दिए गए जहा अब लोगो को नौकरी देने से विभाग परहेज कर रहा है .तो वही लोगो में इसको लेकर आक्रोश भी व्याप्त है कारण विभाग की उदासीनता और बीच परियोजना में नए नियम का लागू करना ।
सीधी जिले में रोजगार का वर्षो से रोना रहा है कारण ना कोई फैक्ट्री ना ही कोई उद्योग धंधे है जिसकी वजह से लोगो के मन में ललितपुर रेल परियोजना में रोजगार को लेकर आशा जगी लेकिन वह आशा आज भी आधर में हो अधूरी पड़ी है जहा अब लोगो की माने तो आज तक ना ही मुआवजा दिया गया और ना ही नौकरी अब हम कहा जाए ।