Gwalior News : दहेज की डिमांड पूरी नहीं होने पर पति ने बीच सड़क में दिया तीन तलाक
वहीं पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर पति, सास और बड़ी नंद के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
Gwalior News : मध्य प्रदेश के ग्वालियर में तीन तलाक का मामला सामने आया है। पीड़िता का आरोप है कि दहेज की मांग पूरी नहीं करने पर पति ने बीच सड़क पर तीन बार तलाक बोलकर रिश्ता खत्म कर दिया है।
वहीं पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर पति, सास और बड़ी नंद के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। लेकिन छोटी नंद और नंदोई को आरोपी नहीं बनाया है। ऐसे में पीड़िता की मांग है कि प्रताड़ना देने वालों में छोटी नन्द और नंदोई भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पीड़िता ने चेतावनी दी है अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह मासूम बच्चे के साथ खुदकुशी कर लेगी।
ग्वालियर में हर मंगलवार को सरकारी दफ्तरों में जनसुनवाई का आयोजन किया जाता है। आज एसपी ऑफिस में आयोजित पुलिस की जनसुनवाई बहोड़ापुर निवासी सना उर्फ सनोवर खान अपने दो साल के बेटे उजैब को लेकर न्याय की गुहार लगाने पहुंची।
सना का कहना है कि उसके पति आबिद खान ने दहेज की मांग पूरी नहीं करने पर बीच सड़क पर तीन बार तलाक तलाक तलाक बोलकर रिश्ता तोड़ लिया है। पीड़िता ने अपने पति, सास, दो नंद और नंदोई पर मायके से दहेज मांगने के लिए पहले दवाब बनाया लेकिन जब उनकी मांग पूरी नहीं कर पाई तो तलाक दे दिया। पीड़िता का बहोड़ापुर निवासी आबिद खान से निकाह 29 मई 2021 को हुआ था।
आबिद पेशे से ड्राइवर है और निकाह के बाद से लगातार दहेज के लिए सास अंजुम, नंद नेहा, निशा और नंदोई काशिफ के साथ मिलकर प्रताड़ित कर रहा है। वहीं पीड़िता की शिकायत पर महिला थाना पुलिस ने आरोपी पति आबिद, सास अंजुम और नंद नेहा के विरुद्ध केस दर्ज किया है।
पीड़िता का आरोप है प्रताड़ना देने वालों में छोटी नंद निशा खान और नंदोई काशिफ खान भी शामिल हैं। पुलिस इनके विरुद्ध भी कार्रवाई करे। अन्यथा वह मासूम बच्चे के साथ खुदकुशी कर लेगी।
इधर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेडक्वार्टर निरंजन शर्मा का कहना है कि पीड़िता ने अपने आवेदन में कहा है कि पति ने तलाक दे दिया है। ऐसी स्थिति में अपने मासूम बच्चे के साथ कहां जाए।
लिहाजा दर्ज एफआईआर में धाराएं बढ़ाने जाने की मांग की है। जिस पर उन्होंने महिला थाना प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि पीड़िता के पुनः कथन लेकर एफआईआर में वैधानिक रूप से आवश्यक धाराओं का समावेश किया जाए।