प्रशासनिक नियमों का पालन न करने का खामियाजा एमपी के मन्दसौर कलेक्टर कार्यालय को भुगतना पड़ा। जब न्यायालय के आदेश पर कलेक्ट्रेट की संपत्ति कुर्क की गई। मामला 11 अक्टूबर 2013 का है, जब तत्कालीन एसडीएम अर्जुन सिंह ठाकुर के शासकीय वाहन MP02 RD 1406 ने जिले के बरडिया अमरा में सड़क किनारे खड़े सुनील कुमार अहीर और निर्मल कुमार कामलिया को टक्कर मारी थी। जिससे दोनों की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी।
इस हादसे में वाहन का बीमा न होना पाया गया। घटना के बाद मृतकों के परिजनों ने न्यायालय में क्षतिपूर्ति आवेदन प्रस्तुत किया था। 5 अगस्त 2016 को न्यायालय ने उनके पक्ष में अवार्ड पारित करते हुए मुआवजे की राशि 50,23,800 रुपये देने का आदेश दिया था।
हालांकि, शासन द्वारा मुआवजे की राशि का भुगतान न किए जाने पर न्यायालय ने मुख्य सचिव भोपाल, सचिव राजस्व विभाग भोपाल, कलेक्टर मन्दसौर और अनुविभागीय अधिकारी गरोठ की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया। इस आदेश के तहत कलेक्टर कार्यालय मन्दसौर की संपत्ति कुर्क की गई।
कुर्की के दौरान कलेक्ट्रेट के 17 एयर कंडीशनर, 70 पंखे, 12 आलमारियां, मल्टीप्रिंटर, टेबल-कुर्सियां, और शासकीय वाहन MP02 RD 1408 फोर व्हीलर को कुर्क किया गया। इस प्रक्रिया की निगरानी एडीएम एकता जायसवाल, प्रभारी अतिरिक्त एडीएम देव कुंवर सोलंकी और कलेक्टर नाजिर की उपस्थिति में की गई।
इस पूरे प्रकरण की कानूनी लड़ाई अधिवक्ता पंकज वेद द्वारा लड़ी गई। उन्होंने जानकारी दी कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह कुर्की आदेश जारी हुआ है, जो प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। प्रशासन हमेशा आम जनता से नियमों का पालन करने की अपेक्षा करता है, लेकिन स्वयं के नियमों का पालन न करने पर ऐसी सख्त कार्यवाही का सामना करना पड़ा। इस घटना ने प्रशासनिक कार्यों में जिम्मेदारी और नियमों के पालन की महत्ता को रेखांकित किया है।