बाहुबली नेता धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से तत्काल राहत नहीं मिली. हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने तक धनंजय सिंह की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इससे धनंजय सिंह के लोकसभा चुनाव लड़ने के सपने को बड़ा झटका लग सकता है. इससे पहले 20 मार्च और 1 अप्रैल को भी धनंजय सिंह के वकीलों ने उन्हें हाई कोर्ट से राहत दिलाने की कोशिश की थी. धनंजय सिंह को सोमवार को तीसरी बार निराशा हाथ लगी है. हाई कोर्ट ने निचली अदालत के रिकॉर्ड मंगाए बिना सुनवाई करने की धनंजय सिंह के वकीलों की मांग भी खारिज कर दी है.
धनंजय सिंह की याचिका पर सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौनपुर की जिला अदालत से रिकॉर्ड मांगा है. हाईकोर्ट ने इस संबंध में यूपी सरकार से भी जवाब मांगा है. यूपी सरकार को 22 अप्रैल तक हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करना है. इसके बाद हाई कोर्ट 24 अप्रैल को धनंजय सिंह की याचिका पर सुनवाई करेगा. जौनपुर की जिला अदालत को मामले का मूल रिकार्ड 24 अप्रैल से पहले हाईकोर्ट को भेजना है. मामले की सुनवाई फिलहाल जस्टिस संजय कुमार सिंह की एकलपीठ में हो रही है.
धनंजय सिंह का चुनाव लड़ना मुश्किल!
एक मामले में जौनपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बाहुबली नेता धनंजय सिंह को सात साल जेल की सजा सुनाई है. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया. इसी मामले में जौनपुर जिला अदालत द्वारा सुनाई गई सात साल की सजा के खिलाफ धनंजय सिंह ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. 20 मार्च और 1 अप्रैल को मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. आपको बता दें कि हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के कारण धनंजय सिंह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.