Rewa News: स्व. श्रीनिवास तिवारी पर सांसद जनार्दन मिश्रा के बयान पर भड़के लोग, सिद्धार्थ को भी लिया आड़े हाथों
लोगों ने कहा- राजनीतिक नफा नुकसान से बाहर आएं सिद्धार्थ
रीवा। अपने बयानों से अक्सर मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले रीवा से भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा ने एक बार फिर से अपने बयानबाजी के कारण एक बड़े वर्ग के नाराजगी का कारण बन रहे हैं। एक कार्यक्रम में विकास की गाथा सुना रहे सांसद जनार्दन मिश्रा ने प्रदेश के कद्दावर नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी को कुछ ऐसा कह गए जो श्री तिवारी के समर्थकों को नागवार गुजरी। सोशल मीडिया में सांसद जी का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है साथ ही लोग अलग-अलग तरह की टिप्पणी कर उन पर निशाना साथ रहे हैं। वहीं इस मामले में भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी राज को भी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
वीडियो में सांसद जनार्दन मिश्रा यह कहते नजर आ रहे हैं की एक जमाना था जब श्रीनिवास तिवारी यहां के सर्वेसर्वा हुआ करते थे। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि ”उस समय एक नारा चलता था दादा ना होए, दईऊ आय… लेकिन दईऊ एक गड्ढा तक नहीं पटवा सका। लेकिन अगर आज सड़कों में एक गड्ढा हो जाए तो अखबारों में शिकायतें आने लगती हैं। कितना अंतर है बीजेपी व कांग्रेस के शासन में। इस अंतर को पाटने के लिए डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का पूरा योगदान रहा है।”
स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी को लेकर जिस तरह की भाषा शैली का प्रयोग रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा के द्वारा किया गया है वह निश्चित तौर पर एक बड़े वर्ग के लिए आक्रोश का विषय बना हुआ है।
एक ओर जहां लोग जनार्दन मिश्रा के इस बयान बयान की कड़े शब्दों में भर्त्सना कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा के ही विधायक और स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ तिवारी राज को आड़े हाथों ले रहे हैं। लोगों का मानना है कि इस मामले में सिद्धार्थ तिवारी को अपने राजनीतिक नफा-नुकसान को हाशिए में रखकर कड़ा विरोध दर्ज करना चाहिए था।
सिद्धार्थ ने नहीं दर्ज कराई शिकायत
हालांकि, सिद्धार्थ तिवारी ने इस बयान को लेकर किसी तरह का उल्लेखनीय विरोध दर्ज नहीं कराया है। न ही सोशल मीडिया और न ही किसी पत्र के माध्यम से बीजेपी के किसी बड़े पदाधिकारी या नेता से इसकी शिकायत दर्ज कराई गई। यही कारण है कि लोग सोशल मीडिया सिद्धार्थ तिवारी पर हमला बोलते नजर आ रहे हैं।
सिद्धार्थ भी खराब सड़कों के लगा चुके हैं आरोप
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2023 से ठीक पहले सिद्धार्थ तिवारी राज ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश अध्यक्ष शर्मा के हाथों भोपाल में बीजेपी ज्वाइन करने के बाद सिद्धार्थ तिवारी ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सरकार व उन दिनों की सड़कों पर हमला बोला था, जिस सरकार में दिग्विजय सिंह स्वयं पंडित श्रीनिवास तिवारी को रीवा का मुख्यमंत्री बताते थे।
गौर करने वाली बात यह है कि सांसद जनार्दन मिश्रा के बयान का विरोध न सिर्फ कांग्रेस पार्टी के लोग कर रहे हैं बल्कि इसमें एक बड़ी संख्या भाजपा समर्थकों की भी है जिन्हें दिवंगत नेता के खिलाफ दिया गया संसद का बयान पच नहीं रहा है।